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कांग्रेसी सत्ता के अहंकार और उनकी पृष्ठभूमि
सामान्यतया सत्ताबोध के तीन स्वरूप होते हैं। पहला, सत्ता का अहंकार (नशा); दूसरा, सत्ता का अधिकार और तीसरा, सत्ता का कर्तव्य। जहाँ- जहाँ सत्ता का अहंकार होगा, वहाँ- वहाँ सत्ता

देश में दासता के निशान
भारत के माननीय प्रधानमन्त्री ने पिछले दिनों लालकिले की प्राचीर से अपने सम्बोधन में पाँच प्रण की बात कहा था। इन पाँच प्रणों में से दूसरा प्रण था कि,

मानस पर अमानुषिक टिप्पणी और जाति
रामचरितमानस विवाद पर बिहार के मुख्यमन्त्री ने अपने मन्त्री को नसीहत देते हुए उनके वक्तव्य को ठीक नहीं माना है। वहाँ के शिक्षामन्त्री के रामचरितमानस को लेकर टिप्पणी पर

गणतन्त्र दिवस से प्रश्न
जहाँ तक भारत के गणतन्त्र दिवस का प्रश्न है, इसको भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन के सन्दर्भ में समझने की आवश्यकता है। क्योंकि 26 जनवरी भारतवर्ष का गणतन्त्र दिवस होता

नरेन्द्र से सुभाष तक
भारत शौर्य शक्ति साहस का देश है तो त्याग तप साधना का भी देश है। भारत सनातन पुरातन चिरन्तन देश है तो भारत संस्कार सभ्यता संस्कृति का भी देश

नीति राजनीतिक राजनैतिक
किसी भी परिवार, राज्य, राष्ट्र में नीति कृत्रिम रूप से बनती भी है और स्वाभाविक रूप से विकसित भी होती है। यहाँ किसी चीज के सरकारीकरण या गैर सरकारीकरण
