Articles

भारतीयता के उपासक नरेन्द्र कोहली

भारतीयता के उपासक नरेन्द्र कोहली

महनीय साहित्यकार नरेन्द्र कोहली जी के साहित्यिक सांस्कृतिक राष्ट्रीय लेखकीय अवदान की विशिष्टता का अन्दाजा इस बात से लगा सकते हैं कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन मधुकर राव भागवत जी एवं सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने हिन्दी के प्रसिद्ध हस्ताक्षर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए तथा उनके दुःखद निधन पर शनिवार …

भारतीयता के उपासक नरेन्द्र कोहली Read More »

रामकृष्ण परमहंस और भारतीय चेतन मूल्य

रामकृष्ण परमहंस और भारतीय चेतन मूल्य

सृष्टि के प्रत्येक तत्व में लौकिक, अलौकिक और स्त्री या मातृ या सृजन शक्ति अर्थात तीन शक्तियों का स्वाभाविक रूप से भाव नीहित रहता है। इनमें सर्वाधिक निर्जीव तत्व यदि पत्थर का उदाहरण लें तो, एक पत्थर की लौकिक शक्ति यह है कि वह जहाँ भी प्रयोग होगा, अपनी विशिष्ट सामर्थ्य का परिचय देगा; उसकी …

रामकृष्ण परमहंस और भारतीय चेतन मूल्य Read More »

कांग्रेस और कांग्रेसी रहनुमाओं का भविष्य

कांग्रेस और कांग्रेसी रहनुमाओं का भविष्य

भारत की कांग्रेस या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी अपने स्थापना काल से लेकर अब तक समय के सन्दर्भ में दो भागों में अपने घोषित और अघोषित उद्देश्यों के साथ कार्य करती आ रही है। पहले भाग में स्वतन्त्रता अर्थात 1947 से पहले तीन उद्देश्य थे- औपनिवेशिकता का संरक्षण; शासन सत्ता में कांग्रेस की भागीदारी; राजनीति …

कांग्रेस और कांग्रेसी रहनुमाओं का भविष्य Read More »

स्वतन्त्रता एवं कोरोना के बीच हमारे नौनिहाल

स्वतन्त्रता एवं कोरोना के बीच हमारे नौनिहाल

पन्द्रह अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के ऊपर से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर फहरते झण्डे अनेक सरकारी एवं गैरसरकारी भवनों व स्थानों पर दिखायी पड़ते हैं। राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री द्वारा राष्ट्र को सम्बोधन, झण्डे को फहराना, …

स्वतन्त्रता एवं कोरोना के बीच हमारे नौनिहाल Read More »

फटे जीन्स की मानसिकता

फटे जीन्स की मानसिकता

एक बार हमसे एक स्त्री- विमर्श के अज्ञानाधिपति ने कहा कि- \’पता नहीं क्यों, जो दिखाया जाता है, उसे ही लोग क्यों देखते हैं? जो नहीं दिखाया जाता है, उसे क्यों नहीं देखते हैं? मैं जो दिखाता हूँ, उसको नहीं, जो नहीं दिखाता हूँ, उसको देखने की कोशिश कीजिये।\’ मैंने कहा- इस कार्य के लिये …

फटे जीन्स की मानसिकता Read More »

जल संरक्षण: राष्ट्रीय मानवीय उत्तरदायित्व

जल संरक्षण: राष्ट्रीय मानवीय उत्तरदायित्व

  आज की प्रचलित अवधारणा के अनुसार जल संरक्षण, संसाधन संरक्षण का एक अंश है। आज जिसे संसाधन समझा जाता है, वे सभी- जल, मृदा (पृथ्वी), वन (गगन), ऊर्जा (पावक), खनिज (समीर) सृष्टि के नियामक एवं संचालक लौकिक सत्ता हैं। इसी कारण वैदिक संस्कृति में इन्हें देवता कहा गया और वैदिक ऋचाओं में इनके महत्व …

जल संरक्षण: राष्ट्रीय मानवीय उत्तरदायित्व Read More »

कांग्रेसी आईक्यू और संघी विद्याभारती

कांग्रेसी आईक्यू और संघी विद्याभारती

कांग्रेस के पर्यायवाची आर जी ने कहा है कि- \’आरएसएस अपने स्कूलों के जरिये देश में, पाकिस्तान के कट्टरपन्थी इस्लामवादी मदरसों की ही तरह अपने स्कूलों में एक खास तरह की दुनिया दिखाता है। कोई यह नहीं पूछता कि आरएसएस के विद्यालयों को पैसा कहाँ से मिलता है? यह भारतीय शिक्षा व्यवस्था पर कब्जा है …

कांग्रेसी आईक्यू और संघी विद्याभारती Read More »

उत्तर प्रदेश का चुनावी भविष्य

उत्तर प्रदेश का चुनावी भविष्य

  बीते दिन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जी ने विपक्षी नेताओं को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यों का हिसाब देने लेने और दूसरी पूर्ववर्ती सरकारों से तुलना की खुली चुनौती दिया। भाजपा अध्यक्ष ने अपनी पार्टी की ‘बूथ विजय अभियान\’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि- हमारी पार्टी …

उत्तर प्रदेश का चुनावी भविष्य Read More »

दुनिया में कोरोना और कारतूस का आतंक

दुनिया में कोरोना और कारतूस का आतंक

  कोरोना महामारी की तीसरी लहर कितनी दूर है, यह यक्ष प्रश्न अब भी किसी न किसी रूप में खड़ा है? दुनिया में कारतूस या तालिबानी आतंक या इसी जैसा एक दूसरा प्रश्न भी दुनिया के सामने खड़ा है, खड़ा था और आगे कब तक खड़ा रहेगा? बड़ा प्रश्न है। बताया जा रहा है कि …

दुनिया में कोरोना और कारतूस का आतंक Read More »

आत्मनिर्भर एवं परस्परनिर्भर गाँव

आत्मनिर्भर एवं परस्परनिर्भर गाँव

  अनेक बार भारत और दुनिया की अर्थव्यवस्था की आर्थिक मन्दी से जोड़कर चर्चा की जाती है और दुर्भाग्य से अर्थव्यवस्था के समूचे तन्त्र को अर्थशास्त्र का विषय बना दिया जाता है। ऐसे में अर्थशास्त्र के सिद्धान्तों नियमों एवं संकल्पनाओं के आलोक में समूची अर्थव्यवस्था का मूल्यांकन विवेचन एवं विश्लेषण किया जाता है। भारत से …

आत्मनिर्भर एवं परस्परनिर्भर गाँव Read More »